युग चाहे जो भी हो. सतयुग
हो या कलयुग. मंत्र और मंत्र शक्ति की महिमा को किसी भी युग में नाकारा नहीं जा
सकता. ये शक्ति जितने प्रभाव शाली उस युग में थी उतनी ही प्रभावशाली इस युग में भी
है. अज की भौतिकवादी युग में जितनी यंत्रशक्ति प्रभावशाली होती है उससे जयादा
शक्तिशाली और प्रभावशाली शक्ति मंत्र शक्ति होती है. मंत्र साधन ही ऐसा है की वो
हमारे भीतर सोयी हुई चेतना को जगा देता है.
मंत्र शक्ति हमारी सोयी हुई महानता को जगा देते
है. ये हमारे अंदर सोयी हुई शक्तियों का विकास करते है. जैसे माता पिता तो हमारी
इस स्थूल शरीर को जन्म देते है लेकिन अगर हमको सच्चे सदगुरु मिल जाते है तो फिर वो
हमारे सच्चा जनम करवा देते है और फिर वो जनम हमारा सफल होकर रहता है. अगर आप किसी
सच्चे संत महापुरुष से मंत्र दीक्षा लेकर साधना शरू करता है फिर वो सफलता को आसानी
से पा जाता है.
मंत्र शक्ति की महिमा |
गुरु मंत्र के जाप से जीवन में संयम आता है.
चमत्कारिक रूप से एकग्रता आती है और स्मरण शक्ति में आदित्य वृद्धि होती है. हमारे
शरीर में ७ शक्ति केंद्र होते है. इसी तरह मंत्र शक्ति की महिमा को जानकर आज तक
बहुत महापुरुष हो चुके है. सभी महापुरुष इस दुनिया में आदरणीय व् पूजनीय स्थान प्राप्त
कर चुके है. जैसे की महावीर, बुद्ध, कबीर, नानक, विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस,
स्वामी रामतीर्थ, परम पूज्य श्री लीला शाह जी महाराज आदि आदि.
मंत्र शक्ति के सही तरह के जानकार,
हमारे भीतर उस सोयी हुई शक्ति को जगा देने का सामर्थ्य रखनेवाले सदगुरु के मार्गदर्शन
के मुताबिक मंत्रजाप किया जाय तो फिर साधक के जीवन विकास में चार चाँद लग जाते है.
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पूज्यपाद संत श्री
आसाराम जी बापू
Mantra Shakti ki Mahima |
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ReplyDeletevery informative article contains very knowledge and nice oneEk Mukhi Rudraksha
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हनुमानजी की साधना मंत्र
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